Bhartiya mithak kosh

Vidyavachaspati, Usha Puri

Bhartiya mithak kosh v.1991 - New Delhi National Publishing House 1991 - 452 p.

संक्षेप में, 'भारतीय मिथक कोश' में डॉ० उपा पुरी ने कथा, आख्यान, उपाख्यान, देवी-देवता, राक्षम-विज्ञान, "यक्ष, गंधर्व, किन्नर, प्रागतिहासिक महापुरुष, कथन को के भीतर सन्निविष्ट अवांतर संदर्भ, कथानको के प्रतीकार्य, कथानकों का विनियोग, कथानों के अभिप्राय, विशिष्ट व्यक्तियों के वंशवृक्ष, मिथकों में अंतर्निहित वैज्ञानिक तत्त्व, दर्शन, मनोविज्ञान, विविध ललित कलाएं, भक्तितत्व, प्राचीन नगर और उनके विस्मृत अभिधान आदि विषयों को समेटा है। भारतीय कथा कोश होने से बौद्ध तथा जैन मिथकों को भी इस कोश में स्थान मिला है। वैदिक वाङ्मय से लेकर आधुनिक भारतीय साहित्य की समग्र परंपरा पर लेखिका का ध्यान रहा है। मेरी जानकारी में ऐसा कोई मिथक कथा कोश अद्यावधि किसी भारतीय भाषा में प्रकाशित नहीं हुआ। पौराणिक कथा कोश तथा व्यक्ति कोश की अपेक्षा इस मिथक कोश में सामग्री का चयन बहुत व्यापक आयाम में किया गया है। इस कोश का परिवेश और विस्तार सर्वथा नवीन है और सामग्री की प्रामाणिकता की दृष्टि से भी यह कोश उपयोगी है।

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