Shiksha me manovigyan
Bhatia,Hansraj
Shiksha me manovigyan c.2 - 1st ed. - Jaipur Rajasthan Hindi Grantha Akadem 1982 - 586p.
प्रस्तुत पुस्तक में शिक्षा मनोविज्ञान और शिक्षण कार्य की नवीनतम पद्धतियों, विचारों और प्रवृत्तियों की व्याख्या एवं रचनात्मक आलोचना की गई है। इस क्षेत्र में किये गये अधुनातन अनुसंधानों एवं अध्ययनों के भारतीय शिक्षा-परिस्थितियों में क्रियान्वयन की संभावनाओं का विशेष विवेचन इसकी निजी विशेषता है। इसमें शिक्षार्थी के मानसिक, शारीरिक, सामाजिक एवं शैक्षिक-शैक्षणिक पक्षों एवं उनके पार स्परिक सम्बन्धों का सम्यक विश्लेषण किया गया है । यह पुस्तक बी० एड० के छात्रों एवं अध्यापकों के लिए अत्यन्त उपयोगी होने के साथ-साथ अभिभावक, सामान्य पाठक तथा मनोविज्ञान के विद्यार्थियों हेतु भी लाभदायी सिद्ध होगी, ऐसा अकादमी का विश्वास है ।
H 370.15 BHA
Shiksha me manovigyan c.2 - 1st ed. - Jaipur Rajasthan Hindi Grantha Akadem 1982 - 586p.
प्रस्तुत पुस्तक में शिक्षा मनोविज्ञान और शिक्षण कार्य की नवीनतम पद्धतियों, विचारों और प्रवृत्तियों की व्याख्या एवं रचनात्मक आलोचना की गई है। इस क्षेत्र में किये गये अधुनातन अनुसंधानों एवं अध्ययनों के भारतीय शिक्षा-परिस्थितियों में क्रियान्वयन की संभावनाओं का विशेष विवेचन इसकी निजी विशेषता है। इसमें शिक्षार्थी के मानसिक, शारीरिक, सामाजिक एवं शैक्षिक-शैक्षणिक पक्षों एवं उनके पार स्परिक सम्बन्धों का सम्यक विश्लेषण किया गया है । यह पुस्तक बी० एड० के छात्रों एवं अध्यापकों के लिए अत्यन्त उपयोगी होने के साथ-साथ अभिभावक, सामान्य पाठक तथा मनोविज्ञान के विद्यार्थियों हेतु भी लाभदायी सिद्ध होगी, ऐसा अकादमी का विश्वास है ।
H 370.15 BHA