Ambedkar ki antervedna

Chavan, Sheshrao

Ambedkar ki antervedna - New Delhi Atlantic 2014 - 166p.

प्रस्तुत पुस्तक अम्बेडकर की अन्तर्वेदना अत्यन्त सारगर्भित एवं कुतूहलपूर्ण है। डॉ. अम्बेडकर ने न केवल अस्पृश्य समाज के उद्धार के लिए अथक प्रयत्न किए, अपितु वे पूर्ण शुद्ध हृदय से एक महान देशभक्त तथा महान राष्ट्रवादी व्यक्ति भी थे। अपने एक भाषण में डॉ. अम्बेडकर ने कहा था, 'मैं चाहता हूँ कि सभी लोग सर्वप्रथम स्वयं को भारतीय समझे और सबसे अन्त में भी स्वयं को भारतीय ही समझे, क्योंकि हम और कुछ नहीं; सिर्फ और सिर्फ भारतीय हैं।'
इस पुस्तक में डॉ. अम्बेडकर के ऐसे अनेकों अछूते पहलूपर मौलिक प्रकाश डाला गया है। पुस्तक का सार अत्यन्त व्यापक है। यह अमूल्य ग्रंथ ऐसी एक भारतीय जीवनशैली प्रस्तुत करता है, जो जीवन में समानता, स्वतन्त्रता और बन्धुत्व के सिद्धान्त को सही ढंग से समझाने में अत्यन्त मददगार है। पुस्तक में व्यक्त किए गये दृष्टिकोण को निष्पक्षत एवं तार्किक मन से समझने की आवश्यकता है। इस पुस्तक की विद्वतापूर्ण भूमिका स्वयं पद्मभूषण न्यायमूर्ति श्री चन्द्रशेखर धर्माधिकारी जी ने लिखी है, जो अत्यन्त महत्वपूर्ण है।

9788126919109


Sociology- Social Groups
Social Classes- Dr. Ambedkar

H 305.56 CHA

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