Sarkar sardar: ek naukarshah ki file
Narayan, Yogendra
Sarkar sardar: ek naukarshah ki file - New Delhi Manas 2022 - 242p.
पुस्तक में बाबरी मस्जिद के ध्वस्त होने का लोमहर्षक रहस्योद्घाटन, उतर प्रदेश के मुख्यमंत्री के सचिव को एक द्रष्टा के रूप में किया है। सरकार की सफलता, समर्पित एवं संतोषजनक नौकरशाही कार्य-पद्धति पर निर्भर करती है क्योंकि एक नौकरशाह, सरकार का प्रतिनिधि होता है। डा0 योगेन्द्र नारायण (आई.ए.एस., सेवानिवृत्त) ने सरकार के कार्य प्रणाली एवं कुछ ऐसे मुद्दों पर प्रकाश डाला है जो राष्ट्रीय महत्व के हैं। इन मुददों को कैसे सुलझाया जाय, इस पर उन्होंने अपने विचार एवं दृष्टिकोण को भी प्रस्तुत किया है। इन्होंने चालीस वर्षों तक भारत सरकार के प्रमुख पदों पर कार्य किया-जिलाधीश से लेकर रक्षा सचिव तक और सेवा निवृत्त के उपरान्त राज्य सभा के महासचिव पद को सुशोभित किया। इनका विचार है कि प्रशासकों को अपनी शैक्षणिक जिज्ञासा को जीवन पर्यन्त बनाये रखना चाहिए, जो उन्हें क्रियाशील चिन्तन के लिए प्रेरित करती रहे। इन्होंने जिलाधिकारी मुजफ्फरनगर (पश्चिमी उतर प्रदेश) के रूप में बावरिया समुदाय की उन्नति के लिए बहुत कुछ किया। आपात काल के दौरान, परिवार नियोजन अभियान के कारण पूरे जिले को संकट से उबारने के लिए इन्हें मुजफ्फर नगर के जिलाधिकारी के रूप में दुबारा भेजा गया। इनके दयालु स्वभाव के कारण इन्हें अल्प संख्यक वर्ग का सम्मान व प्यार विशेष रूप से प्राप्त हुआ। इन्होंने भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (दिल्ली) से उच्च लोक प्रशासन पाठ्यक्रम, सफलता पूर्वक पूरा किया, जो ‘ग्रेटर नोएडा औद्योगिक प्राधिकरण’ तथा ‘भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण’ के कार्यान्वयन में प्रेरक रहा।
9788170495772
Governance Sector
Public Administration
Executives of Government
Author as an IAS
CS 352.0073 NAR
Sarkar sardar: ek naukarshah ki file - New Delhi Manas 2022 - 242p.
पुस्तक में बाबरी मस्जिद के ध्वस्त होने का लोमहर्षक रहस्योद्घाटन, उतर प्रदेश के मुख्यमंत्री के सचिव को एक द्रष्टा के रूप में किया है। सरकार की सफलता, समर्पित एवं संतोषजनक नौकरशाही कार्य-पद्धति पर निर्भर करती है क्योंकि एक नौकरशाह, सरकार का प्रतिनिधि होता है। डा0 योगेन्द्र नारायण (आई.ए.एस., सेवानिवृत्त) ने सरकार के कार्य प्रणाली एवं कुछ ऐसे मुद्दों पर प्रकाश डाला है जो राष्ट्रीय महत्व के हैं। इन मुददों को कैसे सुलझाया जाय, इस पर उन्होंने अपने विचार एवं दृष्टिकोण को भी प्रस्तुत किया है। इन्होंने चालीस वर्षों तक भारत सरकार के प्रमुख पदों पर कार्य किया-जिलाधीश से लेकर रक्षा सचिव तक और सेवा निवृत्त के उपरान्त राज्य सभा के महासचिव पद को सुशोभित किया। इनका विचार है कि प्रशासकों को अपनी शैक्षणिक जिज्ञासा को जीवन पर्यन्त बनाये रखना चाहिए, जो उन्हें क्रियाशील चिन्तन के लिए प्रेरित करती रहे। इन्होंने जिलाधिकारी मुजफ्फरनगर (पश्चिमी उतर प्रदेश) के रूप में बावरिया समुदाय की उन्नति के लिए बहुत कुछ किया। आपात काल के दौरान, परिवार नियोजन अभियान के कारण पूरे जिले को संकट से उबारने के लिए इन्हें मुजफ्फर नगर के जिलाधिकारी के रूप में दुबारा भेजा गया। इनके दयालु स्वभाव के कारण इन्हें अल्प संख्यक वर्ग का सम्मान व प्यार विशेष रूप से प्राप्त हुआ। इन्होंने भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (दिल्ली) से उच्च लोक प्रशासन पाठ्यक्रम, सफलता पूर्वक पूरा किया, जो ‘ग्रेटर नोएडा औद्योगिक प्राधिकरण’ तथा ‘भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण’ के कार्यान्वयन में प्रेरक रहा।
9788170495772
Governance Sector
Public Administration
Executives of Government
Author as an IAS
CS 352.0073 NAR