Pichhli Garmiyon Mein
"Verma,Nirmal"
Pichhli Garmiyon Mein - New Delhi Rajkamal Prakashan 2024 - 175p.
निर्मल वर्मा की कहानियाँ अपने पात्रों को ‘लार्जर दैन लाइफ़’ नायक-नायिका नहीं बनातीं। उनके पात्र घटनाओं को जन्म नहीं देते, बल्कि जीवन के धीमे-धीमे बतियाते गलियारों में रहते हुए अस्तित्व के बहुत बारीक़ और अनिवार्य पहलुओं से जूझते हैं। ‘डेढ़ इंच ऊपर’, ‘पिता और प्रेमी’, ‘इतनी बड़ी आकांक्षा’ और ‘पिछली गर्मियों में’ जैसी अत्यन्त चर्चित और बहुपठित कहानियों से समृद्ध इस कहानी-संग्रह में निर्मल वर्मा की आठ कहानियाँ सकलित हैं। यह उनका तीसरा कहानी-संग्रह है जिसका पहला प्रकाशन 1968 में हुआ था। सूक्ष्म संकेतों से मनुष्य जीवन की गहन पीड़ा और भीतरी ख़ालीपन को अभिव्यक्त करनेवाली इन कहानियों में निर्मल जी ने अनुभव के नए आयामों का अन्वेषण किया है। भारतीय और यूरोपीय पृष्ठभूमि में अंकित मानव-नियति की ये कथाएँ समाज और संसार के कई अदेखे कोनों पर निगाह डालती हैं। मानव-सम्बन्धों के उलझाव को उनकी पूरी मार्मिकता के साथ उद्घाटित करनेवाले इस संग्रह को कथाकार के साथ साहित्य की भी नई उपलब्धि माना गया था। इसमें शामिल ‘डेढ़ इंच ऊपर’ कहानी का मंचन कई अभिनेता और रंग-निर्देशक एकल प्रस्तुति के रूप में करते रहे हैं।
9789360860677
Kahaniyan-Hindi
H VER N
Pichhli Garmiyon Mein - New Delhi Rajkamal Prakashan 2024 - 175p.
निर्मल वर्मा की कहानियाँ अपने पात्रों को ‘लार्जर दैन लाइफ़’ नायक-नायिका नहीं बनातीं। उनके पात्र घटनाओं को जन्म नहीं देते, बल्कि जीवन के धीमे-धीमे बतियाते गलियारों में रहते हुए अस्तित्व के बहुत बारीक़ और अनिवार्य पहलुओं से जूझते हैं। ‘डेढ़ इंच ऊपर’, ‘पिता और प्रेमी’, ‘इतनी बड़ी आकांक्षा’ और ‘पिछली गर्मियों में’ जैसी अत्यन्त चर्चित और बहुपठित कहानियों से समृद्ध इस कहानी-संग्रह में निर्मल वर्मा की आठ कहानियाँ सकलित हैं। यह उनका तीसरा कहानी-संग्रह है जिसका पहला प्रकाशन 1968 में हुआ था। सूक्ष्म संकेतों से मनुष्य जीवन की गहन पीड़ा और भीतरी ख़ालीपन को अभिव्यक्त करनेवाली इन कहानियों में निर्मल जी ने अनुभव के नए आयामों का अन्वेषण किया है। भारतीय और यूरोपीय पृष्ठभूमि में अंकित मानव-नियति की ये कथाएँ समाज और संसार के कई अदेखे कोनों पर निगाह डालती हैं। मानव-सम्बन्धों के उलझाव को उनकी पूरी मार्मिकता के साथ उद्घाटित करनेवाले इस संग्रह को कथाकार के साथ साहित्य की भी नई उपलब्धि माना गया था। इसमें शामिल ‘डेढ़ इंच ऊपर’ कहानी का मंचन कई अभिनेता और रंग-निर्देशक एकल प्रस्तुति के रूप में करते रहे हैं।
9789360860677
Kahaniyan-Hindi
H VER N