Suvarnalata
Devi, Ashapurna
Suvarnalata - 14th ed. - New Delhi Vani 2023 - 464p. - Rastrabharti/ lokodya Granthamala 402 .
सुवर्णलता - बांग्ला कथा-साहित्य की कालजयी रचनाकार श्रीमती आशापूर्णा देवी की लेखनी से सृजित उपन्यास 'सुवर्णलता' अपनी कथा-वस्तु और शैली शिल्प में इतना अद्भुत है कि पढ़ना प्रारम्भ करने के बाद इसे छोड़ पाना कठिन है। उपन्यास समाप्त करने के बाद भी इसके पात्र—सुवर्णलता और सुवर्णलता के जीवन तथा परिवेश से सम्बद्ध पात्र—मन पर छाये रहते हैं, क्योंकि ये सब इतने जीते-जागते चरित्र हैं, इनके कार्यकलाप, मनोभाव, रहन-सहन, बातचीत सब-कुछ इतना सहज, स्वाभाविक है और मानव मन के घात-प्रतिघात इतने मनोवैज्ञानिक हैं कि पाठक को वे अपने से ही प्रतीत होते हैं। निस्सन्देह इस उपन्यास में लेखिका का दृष्टिकोण एक बहुआयामी विद्रोहिणी की नज़र है। "
9788119014088
Novel- Bangla; Tiwari, Hanskumar tr.; Jnanpith Awarded
H DEV A
Suvarnalata - 14th ed. - New Delhi Vani 2023 - 464p. - Rastrabharti/ lokodya Granthamala 402 .
सुवर्णलता - बांग्ला कथा-साहित्य की कालजयी रचनाकार श्रीमती आशापूर्णा देवी की लेखनी से सृजित उपन्यास 'सुवर्णलता' अपनी कथा-वस्तु और शैली शिल्प में इतना अद्भुत है कि पढ़ना प्रारम्भ करने के बाद इसे छोड़ पाना कठिन है। उपन्यास समाप्त करने के बाद भी इसके पात्र—सुवर्णलता और सुवर्णलता के जीवन तथा परिवेश से सम्बद्ध पात्र—मन पर छाये रहते हैं, क्योंकि ये सब इतने जीते-जागते चरित्र हैं, इनके कार्यकलाप, मनोभाव, रहन-सहन, बातचीत सब-कुछ इतना सहज, स्वाभाविक है और मानव मन के घात-प्रतिघात इतने मनोवैज्ञानिक हैं कि पाठक को वे अपने से ही प्रतीत होते हैं। निस्सन्देह इस उपन्यास में लेखिका का दृष्टिकोण एक बहुआयामी विद्रोहिणी की नज़र है। "
9788119014088
Novel- Bangla; Tiwari, Hanskumar tr.; Jnanpith Awarded
H DEV A