Reporter
Devi, Mahasweta
Reporter - New Delhi Vani 2006 - 96p.
यह उपन्यास बातता है कि आजकल के नौजवानों में लगभग नब्बे प्रतिशत, असुरक्षा के शिकार हैं। पूरी की पूरी एक पीढ़ी यह महसूस करती है कि राज्य, राष्ट्र नौकरी, कल-कारखाने, स्वनियुक्ति के कामकाज, विविध योजनाओं में उनके लिए कहीं, कोई जगह नहीं है। वे लोग निरे फालतू हैं। अगर वे न भी पैदा हुए होते, तो चल जाता। सिस्टम ने उन्हें ख़ारिज कर दिया है। अमिय की पीढ़ी यही महसूस करती है। पिछली पीढ़ी उन्हें समझ ही नहीं पाई। यह सड़े-गले, हिंस्र-निर्मम सिस्टम ने उन लोगों को ख़ारिज़ कर दिया है। प्रतिवाद की आवाज़ मानो विद्रोह की आवाज हो। विद्रोह का अर्थ ही है, जड़ से समूल नष्ट कर दो।
8181435052
Novel; Fiction- Hindi; Upanyas
H DEV M
Reporter - New Delhi Vani 2006 - 96p.
यह उपन्यास बातता है कि आजकल के नौजवानों में लगभग नब्बे प्रतिशत, असुरक्षा के शिकार हैं। पूरी की पूरी एक पीढ़ी यह महसूस करती है कि राज्य, राष्ट्र नौकरी, कल-कारखाने, स्वनियुक्ति के कामकाज, विविध योजनाओं में उनके लिए कहीं, कोई जगह नहीं है। वे लोग निरे फालतू हैं। अगर वे न भी पैदा हुए होते, तो चल जाता। सिस्टम ने उन्हें ख़ारिज कर दिया है। अमिय की पीढ़ी यही महसूस करती है। पिछली पीढ़ी उन्हें समझ ही नहीं पाई। यह सड़े-गले, हिंस्र-निर्मम सिस्टम ने उन लोगों को ख़ारिज़ कर दिया है। प्रतिवाद की आवाज़ मानो विद्रोह की आवाज हो। विद्रोह का अर्थ ही है, जड़ से समूल नष्ट कर दो।
8181435052
Novel; Fiction- Hindi; Upanyas
H DEV M