Kahi ankahi
Mehta, Naveen Kumar
Kahi ankahi - New Delhi Shivank prakashan 2022 - xiv; 96 p.
प्रस्तुत काव्य संग्रह 'कही-अनकही' में कुल जमा 52 काव्यांजलि हैं। जिसकी संख्या का भी भारतीय दर्शन एवं सनातन परंपरा में अपना ही एक महत्व हैं।
9789393285003
Hindi poetry
H 891.431 / MEH
Kahi ankahi - New Delhi Shivank prakashan 2022 - xiv; 96 p.
प्रस्तुत काव्य संग्रह 'कही-अनकही' में कुल जमा 52 काव्यांजलि हैं। जिसकी संख्या का भी भारतीय दर्शन एवं सनातन परंपरा में अपना ही एक महत्व हैं।
9789393285003
Hindi poetry
H 891.431 / MEH