Vijay bhaw
Kalam, A.P.J Abdul
Vijay bhaw - Delhi Prabhat Paperbacks 2023. - 174 p.
डॉ. कलाम ने अपने भावनात्मक, नैतिक एवं बौद्धिक विकास के बारे में इस प्रकार बताया है कि यह पुस्तक निश्चित ही पाठकों को उन लोगों और संस्थानों की याद दिलाएगी, जिन्होंने स्वयं पाठकों के सफल होने में मदद की। यह पुस्तक सोचने-विचारने के लिए बहुत सारे आयामों को खोलती है, अनेक व्यावहारिक चुनौतियाँ प्रस्तुत करती है और कई महत्त्वपूर्ण सवाल पाठकों के सामने रखती है कि हर पाठक अपनी एक अलग बौद्धिक-यात्रा पर चल पड़ता है। प्रस्तुत पुस्तक यह तर्क प्रस्तुत करती है कि कुछ सीखने के लिए शिक्षकों के साथ-साथ उपयोगी वस्तुओं की भी आवश्यकता होती है। दूरस्थ शिक्षा भी ऐसी ही एक व्यवस्था है, जिसकी खोज पुनः की गई है, क्योंकि यह एक प्राचीन परंपरा भी रही है कि शिक्षक व्यक्तिगत रूप से पढ़ानेवाले व्यक्ति के रूप में देखा जा सकता है।
9789351865957
President of India
Dr. A.P.J Abdul Kalam
You are born to blossom
H 920.71 / KAL
Vijay bhaw - Delhi Prabhat Paperbacks 2023. - 174 p.
डॉ. कलाम ने अपने भावनात्मक, नैतिक एवं बौद्धिक विकास के बारे में इस प्रकार बताया है कि यह पुस्तक निश्चित ही पाठकों को उन लोगों और संस्थानों की याद दिलाएगी, जिन्होंने स्वयं पाठकों के सफल होने में मदद की। यह पुस्तक सोचने-विचारने के लिए बहुत सारे आयामों को खोलती है, अनेक व्यावहारिक चुनौतियाँ प्रस्तुत करती है और कई महत्त्वपूर्ण सवाल पाठकों के सामने रखती है कि हर पाठक अपनी एक अलग बौद्धिक-यात्रा पर चल पड़ता है। प्रस्तुत पुस्तक यह तर्क प्रस्तुत करती है कि कुछ सीखने के लिए शिक्षकों के साथ-साथ उपयोगी वस्तुओं की भी आवश्यकता होती है। दूरस्थ शिक्षा भी ऐसी ही एक व्यवस्था है, जिसकी खोज पुनः की गई है, क्योंकि यह एक प्राचीन परंपरा भी रही है कि शिक्षक व्यक्तिगत रूप से पढ़ानेवाले व्यक्ति के रूप में देखा जा सकता है।
9789351865957
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Dr. A.P.J Abdul Kalam
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H 920.71 / KAL