Ghar-aangan-dehri se satta ke galiyaron tak
Bajpei, Navin Chandra
Ghar-aangan-dehri se satta ke galiyaron tak - New Delhi Prabhat prakashan 2016 - 544 p.
यह आत्मकथा एक मध्य-मध्यम वर्गीय परिवार के साधारण से बालक के जीवन का दस्तावेज है, जो पारिवारिक पृष्ठभूमि, आस-पास की दुनिया उसके परिवेश से जीवन में ‘कुछ’ बनने के लिए प्रोत्साहित होता है।
9789386231000
Autobiography
IAS as an author (1972 batch)
CS 352.63092 / BAJ
Ghar-aangan-dehri se satta ke galiyaron tak - New Delhi Prabhat prakashan 2016 - 544 p.
यह आत्मकथा एक मध्य-मध्यम वर्गीय परिवार के साधारण से बालक के जीवन का दस्तावेज है, जो पारिवारिक पृष्ठभूमि, आस-पास की दुनिया उसके परिवेश से जीवन में ‘कुछ’ बनने के लिए प्रोत्साहित होता है।
9789386231000
Autobiography
IAS as an author (1972 batch)
CS 352.63092 / BAJ