Premchand ek sahityik adhyayan
Singh, Sudha
Premchand ek sahityik adhyayan - New Delhi Shivank 2022 - 200 p.
प्रेमचंद आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह और उपन्यास सम्राट माने जाते हैं। यों तो उनके साहित्यिक जीवन का आरंभ 1901 से हो चुका था पर उनकी पहली हिन्दी कहानी सरस्वती पत्रिका के दिसम्बर अंक में 1914 में सौत नाम से प्रकाशित हुई और १६३६ में अंतिम कहानी कफन नाम से बीस वर्षों की इस अवधि में उनकी कहानियों के अनेक रंग देखने को मिलते हैं।
9789382998327
Premchand
H 891.43509 SIN
Premchand ek sahityik adhyayan - New Delhi Shivank 2022 - 200 p.
प्रेमचंद आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह और उपन्यास सम्राट माने जाते हैं। यों तो उनके साहित्यिक जीवन का आरंभ 1901 से हो चुका था पर उनकी पहली हिन्दी कहानी सरस्वती पत्रिका के दिसम्बर अंक में 1914 में सौत नाम से प्रकाशित हुई और १६३६ में अंतिम कहानी कफन नाम से बीस वर्षों की इस अवधि में उनकी कहानियों के अनेक रंग देखने को मिलते हैं।
9789382998327
Premchand
H 891.43509 SIN