Palbhar ki pahachan
Joshi, Sachchidanand
Palbhar ki pahachan - New Delhi Prabhat 2019 - 143 p.
लेखक ने शब्दचित्रों का जो नया प्रयोग प्रारंभ किया है, उसे आगे बढ़ाने का विचार है। जितना बढ़ेगा और पसंद किया जाएगा, और आगे बढ़ाते रहेंगे। हमारी जिंदगी की आपाधापी में परेशानियाँ और चुनौतियाँ तो रोज ही हमारे सामने हैं। उसी संघर्ष की बेला में हमारे सामने या इर्द-गिर्द यदि कोई छोटी सी भी सकारात्मक घटना घट जाए तो वह बहुत सुकून देती है। या फिर जिंदगी की चुनौतियों से जूझता कोई सकारात्मक व्यक्ति मिल जाता है तो वह हमें भरी गरमी में शीतलता का अहसास देता है। ऐसे क्षणों को या व्यक्तियों को सँजोकर रखना किसी बड़े भारी बैंक बैलेंस से कम नहीं है।
9789353228408
Short stories
H 891.4303 / JOS
Palbhar ki pahachan - New Delhi Prabhat 2019 - 143 p.
लेखक ने शब्दचित्रों का जो नया प्रयोग प्रारंभ किया है, उसे आगे बढ़ाने का विचार है। जितना बढ़ेगा और पसंद किया जाएगा, और आगे बढ़ाते रहेंगे। हमारी जिंदगी की आपाधापी में परेशानियाँ और चुनौतियाँ तो रोज ही हमारे सामने हैं। उसी संघर्ष की बेला में हमारे सामने या इर्द-गिर्द यदि कोई छोटी सी भी सकारात्मक घटना घट जाए तो वह बहुत सुकून देती है। या फिर जिंदगी की चुनौतियों से जूझता कोई सकारात्मक व्यक्ति मिल जाता है तो वह हमें भरी गरमी में शीतलता का अहसास देता है। ऐसे क्षणों को या व्यक्तियों को सँजोकर रखना किसी बड़े भारी बैंक बैलेंस से कम नहीं है।
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