Meri ikkis kavitayen: aap ki pichli sadi ki
Sharma, O.P.
Meri ikkis kavitayen: aap ki pichli sadi ki - New Delhi Shivank 2021 - 58 p.
कवि ने सूक्तियों के द्रष्टांत व्यवस्थापन में भी एक-विशेष काव्यकौशल्य का परिचय दिया है। 'अज्ञात परिचित' कविता का आलंबन शाश्वत धार्मिकता है। 'कल आज और कल' कविता 'स्व' के 'सर्वव्यापीकरण' की कविता है।
9789387774308
कविता का आलंबन
H 891.43172 SHA
Meri ikkis kavitayen: aap ki pichli sadi ki - New Delhi Shivank 2021 - 58 p.
कवि ने सूक्तियों के द्रष्टांत व्यवस्थापन में भी एक-विशेष काव्यकौशल्य का परिचय दिया है। 'अज्ञात परिचित' कविता का आलंबन शाश्वत धार्मिकता है। 'कल आज और कल' कविता 'स्व' के 'सर्वव्यापीकरण' की कविता है।
9789387774308
कविता का आलंबन
H 891.43172 SHA