Bhasha vigyan tatha Hindi bhasha
Singh, Vinamersen
Bhasha vigyan tatha Hindi bhasha - New Delhi Shivank Prakashan 2022. - 272 p.
भाषा विज्ञान न केवल भाषाओं के अध्ययन में ही उपयोगी है, अपितु साहित्य के अध्ययन में भी अत्यन्त उपयोगी है। प्राचीन साहित्य भिन्न-भिन्न समय में किन-किन अर्थों में प्रयुक्त होता रहा, उसके उच्चारण में उत्तरोत्तर किस प्रकार से परिवर्तन हुआ और उसका प्रयोग भिन्न-भिन्न परिस्थितियों में किस प्रकार से परिवर्तित होता रहा, इस प्रकार की अनेक समस्याओं का समाधान भाषा विज्ञान के द्वारा हो जाता है। भाषा विज्ञान ही साहित्य के अभिव्यक्ति-सौन्दर्य एवं अभिव्यंजना कौशल को समझने में सहायता पहुंचाता है।
9789683046932
Hindi language
H 491.43 / SIN
Bhasha vigyan tatha Hindi bhasha - New Delhi Shivank Prakashan 2022. - 272 p.
भाषा विज्ञान न केवल भाषाओं के अध्ययन में ही उपयोगी है, अपितु साहित्य के अध्ययन में भी अत्यन्त उपयोगी है। प्राचीन साहित्य भिन्न-भिन्न समय में किन-किन अर्थों में प्रयुक्त होता रहा, उसके उच्चारण में उत्तरोत्तर किस प्रकार से परिवर्तन हुआ और उसका प्रयोग भिन्न-भिन्न परिस्थितियों में किस प्रकार से परिवर्तित होता रहा, इस प्रकार की अनेक समस्याओं का समाधान भाषा विज्ञान के द्वारा हो जाता है। भाषा विज्ञान ही साहित्य के अभिव्यक्ति-सौन्दर्य एवं अभिव्यंजना कौशल को समझने में सहायता पहुंचाता है।
9789683046932
Hindi language
H 491.43 / SIN