Nibandha lekhana kala
Mishr, Rambahadur
Nibandha lekhana kala - Delhi Prashant book 2022. - 236 p.
निबन्ध गद्य लेखन की एक विधा है। लेकिन इस शब्द का प्रयोग किसी विशय की तार्किक और बौद्धिक विवेचना करने वाले लेखों के लिए भी किया जाता है। निबंध के पर्याय रूप में सन्दर्भ, रचना और प्रस्ताव का भी उल्लेख किया जाता है। लेकिन साहित्सिक आलोचना में सर्वाधिक प्रचलित शब्द निबंध ही है। इसे अंग्रेजी के अम्पोजीशन और एस्से के अर्थ में ग्रहण किया जाता है। आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी के अनुसर संस्कृत में भी निबंध का साहित्य है। प्राचीन संस्कृत साहित्य के उन निबंधों में धर्मशास्त्रीय सिद्धांतों की तार्किक व्याख्या की जाती थी। उनमें व्यक्तित्व की विशेशता नहीं होती थी किन्तु वर्तमान काल के निबंध संस्कृत के निबंधों से ठीक उलटे हैं। उनमें व्यक्तित्व या वैयाक्तिकता का गुण सर्वप्रधान है।
9789383963492
Hindi essays
H 491.43 / MIS
Nibandha lekhana kala - Delhi Prashant book 2022. - 236 p.
निबन्ध गद्य लेखन की एक विधा है। लेकिन इस शब्द का प्रयोग किसी विशय की तार्किक और बौद्धिक विवेचना करने वाले लेखों के लिए भी किया जाता है। निबंध के पर्याय रूप में सन्दर्भ, रचना और प्रस्ताव का भी उल्लेख किया जाता है। लेकिन साहित्सिक आलोचना में सर्वाधिक प्रचलित शब्द निबंध ही है। इसे अंग्रेजी के अम्पोजीशन और एस्से के अर्थ में ग्रहण किया जाता है। आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी के अनुसर संस्कृत में भी निबंध का साहित्य है। प्राचीन संस्कृत साहित्य के उन निबंधों में धर्मशास्त्रीय सिद्धांतों की तार्किक व्याख्या की जाती थी। उनमें व्यक्तित्व की विशेशता नहीं होती थी किन्तु वर्तमान काल के निबंध संस्कृत के निबंधों से ठीक उलटे हैं। उनमें व्यक्तित्व या वैयाक्तिकता का गुण सर्वप्रधान है।
9789383963492
Hindi essays
H 491.43 / MIS