Teen pauranik natak
Ranwalta, Mahabeer
Teen pauranik natak - Dehradun Samaya sakshay 2021 - 112 p.
सन् 1987 उत्तरकाशी, उत्तराखण्ड (अब उत्तर प्रदेश) में कुछ साथियों के साथ 'कला दर्पण' की स्थापना हुई, उन्हीं में से एक हैं हमारे आज के • वरिष्ठ साहित्यकार महावीर रवांल्टा। लेखक होने के अतिरिक्त महावीर जी के कुछ दूसरे पहलुओं को भी मैं साझा करना चाहूँगा। जब-तब उन्होंने मेरी अनेक नाट्य प्रस्तुतियों में अपने दूसरे रंग भी बिखेरे हैं। अस्सी के दशक में 'कला दर्पण' की डॉ. गोविन्द चातक कृत 'काला मुँह' नाट्य प्रस्तुति में उनकी संयोजक की भूमिका रही। यही साल था जब मेरा पहली मर्तबा उनके घर महरगाँव जाना हुआ तब उनके अनूठे नेतृत्व में 'कला दर्पण' बैनर तले 'सत्यवादी हरिश्चन्द्र', 'मौत का कारण', 'जीतू बगडवाल' एवं 'साजिश' नाटकों का सफल मंचन हुआ। साहित्य कला परिषद से पुरस्कृत डॉ. गोविन्द चातक के 'बाँसुरी बजती रही' के फिल्मांकन से पहले उन्होंने मेरे साथ पैदल जाकर सुदूर गाँवों का लोकेशन के चयन के लिए भ्रमण किया। 'बांसुरी बजती रही' अस्सी के दशक में केबिल के माध्यम से टीवी पर टेलीकास्ट किया गया था। केबिल के जरिए स्थानीय कलाकारों को टीवी पर देखना लोगों को चमकृत कर गया और कलाकारों को रातोंरात अपने स्टार सेलिब्रेटी होने का सा अहसास हुआ था।
9879090743469
Drama
UK 891.4302 RAN
Teen pauranik natak - Dehradun Samaya sakshay 2021 - 112 p.
सन् 1987 उत्तरकाशी, उत्तराखण्ड (अब उत्तर प्रदेश) में कुछ साथियों के साथ 'कला दर्पण' की स्थापना हुई, उन्हीं में से एक हैं हमारे आज के • वरिष्ठ साहित्यकार महावीर रवांल्टा। लेखक होने के अतिरिक्त महावीर जी के कुछ दूसरे पहलुओं को भी मैं साझा करना चाहूँगा। जब-तब उन्होंने मेरी अनेक नाट्य प्रस्तुतियों में अपने दूसरे रंग भी बिखेरे हैं। अस्सी के दशक में 'कला दर्पण' की डॉ. गोविन्द चातक कृत 'काला मुँह' नाट्य प्रस्तुति में उनकी संयोजक की भूमिका रही। यही साल था जब मेरा पहली मर्तबा उनके घर महरगाँव जाना हुआ तब उनके अनूठे नेतृत्व में 'कला दर्पण' बैनर तले 'सत्यवादी हरिश्चन्द्र', 'मौत का कारण', 'जीतू बगडवाल' एवं 'साजिश' नाटकों का सफल मंचन हुआ। साहित्य कला परिषद से पुरस्कृत डॉ. गोविन्द चातक के 'बाँसुरी बजती रही' के फिल्मांकन से पहले उन्होंने मेरे साथ पैदल जाकर सुदूर गाँवों का लोकेशन के चयन के लिए भ्रमण किया। 'बांसुरी बजती रही' अस्सी के दशक में केबिल के माध्यम से टीवी पर टेलीकास्ट किया गया था। केबिल के जरिए स्थानीय कलाकारों को टीवी पर देखना लोगों को चमकृत कर गया और कलाकारों को रातोंरात अपने स्टार सेलिब्रेटी होने का सा अहसास हुआ था।
9879090743469
Drama
UK 891.4302 RAN