Pahar ki subah tatha anay kahaniya
Pant, Subhash
Pahar ki subah tatha anay kahaniya - Dehradun Samaya sakshay 2016 - 208 p.
इस संकलन की कहानियाँ किसी विशेष कालखंड की रचनाएँ नहीं हैं। ये कई कालखंडों में रची गई हैं और इनमें भाषा-शिल्प की भिन्नताएँ देखी जा सकती हैं। संकलित सभी कहानियाँ देश की अनेक महत्वपूर्ण पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। ये स्थान - सापेक्ष नहीं हैं। इनमें उन संकटों को देखने की कोशिश है, जिन्हें इस महादेश का | सामान्य आदमी झेल रहा है। कहानियों का चयन किसी विशेष टीस से नहीं, विविधता के आधार पर किया गया है।
978-81-86810-12-9
Garhwali story
UK 891.4303 PAN
Pahar ki subah tatha anay kahaniya - Dehradun Samaya sakshay 2016 - 208 p.
इस संकलन की कहानियाँ किसी विशेष कालखंड की रचनाएँ नहीं हैं। ये कई कालखंडों में रची गई हैं और इनमें भाषा-शिल्प की भिन्नताएँ देखी जा सकती हैं। संकलित सभी कहानियाँ देश की अनेक महत्वपूर्ण पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। ये स्थान - सापेक्ष नहीं हैं। इनमें उन संकटों को देखने की कोशिश है, जिन्हें इस महादेश का | सामान्य आदमी झेल रहा है। कहानियों का चयन किसी विशेष टीस से नहीं, विविधता के आधार पर किया गया है।
978-81-86810-12-9
Garhwali story
UK 891.4303 PAN