Nadi bhed nahin hoti
Karki, Anil.
Nadi bhed nahin hoti - 1st ed. - Dehradun Samay Sakshya 2022 - 76 p.
अनिल का यह कविता संग्रह अपने शीर्षक 'नदी भीड़ नहीं होती' में ही एहसास दिला देता है कि वह किस जादूगर की तरह पहाड़ों व बिम्बों से खेलने वाला है। प्रेम कविताओं में ठेठ जिंदगी की प्रेम में सराबोर मिठास है।
9789390743353
Kavita - Poem
H 891.431 KAR
Nadi bhed nahin hoti - 1st ed. - Dehradun Samay Sakshya 2022 - 76 p.
अनिल का यह कविता संग्रह अपने शीर्षक 'नदी भीड़ नहीं होती' में ही एहसास दिला देता है कि वह किस जादूगर की तरह पहाड़ों व बिम्बों से खेलने वाला है। प्रेम कविताओं में ठेठ जिंदगी की प्रेम में सराबोर मिठास है।
9789390743353
Kavita - Poem
H 891.431 KAR