Lekin wah file band ho chuki hai

Pant, Subhash

Lekin wah file band ho chuki hai - Dehradun, Samy sakshya 2022. - 185 p.

इस संकलन में चार बड़ी और दो छोटी कहानियाँ शामिल हैं। इन कहानियों का विस्तार जंगल से वित्तीय पूंजीवाद के प्रतीक आधुनिक बाज़ार, अस्पताल से चाय घर, पीढ़ियों के अन्तराल मृत्यु और मृत्यु के बाद संसार, सन् सैंतालिस के भारत विभाजन से शाहीन बाग तक फैला हुआ है। कहानियों के परिवेश, भाषा और संरचना में भी बहुत विभिन्नता है। इनमें विषयानुसार यथार्थ, रूपक और बोधकथा का प्रयोग किया गया है। कहानियों में कथ्य और शिल्प की इतनी विभिन्न्ता है कि संकलन से लेखक का नाम हटा दिया जाए तो यह विश्वास करना मुश्किल होगा कि ये किसी एक लेखक की कहानियाँ हैं।

संकलन की शीर्ष कहानी सीता हसीना के साथ एक सम्वाद' (जो कहानी भी है और नहीं भी है और कुछ पाठकों की दृष्टि में एक लम्बी कविता भी है) स्मृति और संकेतों के सहारे कही गई रचना है। यह आश्चर्यजनक रूप से इस दौर की बहु चर्चित और प्रशंसित कहानी है। पाठकों और विचारकों ने इसे अलग-अलग ढंग से विश्लेषित किया है, जिनमें से कुछ वैचारिक दृष्टियाँ परिशिष्ट में शामिल हैं। यह यूट्यूब पर भी है और इसके फिल्मांकन के प्रयास भी जारी है।

संकलन की कहानियों के विषय में मुझे कुछ नहीं कहना है। इनमें पाठकों के साथ सम्वाद करने की ताकत है। ये गूँगी नहीं, बोलती हुई कहानियाँ हैं, जिन्होंने जटिल होती दुनिया में अपने को जटिल होने से बचाया है जिससे ये पाठकों के साथ अपना रिश्ता बना सकें।

978-93-90743-67-4


Fiction

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