Subtle art of not giving a fuck
Manson, Mark
Subtle art of not giving a fuck - New Delhi Vani prakashan 2019 - 174 p.
नयी पीढ़ी की इस सेल्फ हेल्प गाइड में सुपरस्टार ब्लॉगर मजबूत बनने मुश्किलों का हँसते हुए सामना करने के गुर तो सिखाते ही हैं, साथ ही बताते हैं कि हर समय सकारात्मकता की कोई जरूरत नहीं है। पिछले कुछ सालों से मार्क मैसन-अपने लोकप्रिय ब्लॉग के द्वारा खुद के प्रति हमारी और दुनिया की भ्रामक उम्मीदों से उबरने में हमारी मदद कर रहे हैं। उन्होंने अब अपनी ज़बरदस्त सोच को इस अभूतपूर्व किताब में उतारा है।
मैंसन तर्क देते हैं कि इन्सान गलती भी करते हैं और उनकी एक सीमा भी होती है। वह लिखते हैं, "हर कोई असाधारण नहीं हो सकता समाज में विजेता और पराजित, दोनों ही तरह के लोग रहते हैं, और अक्सर इसमें आपकी कोई गलती नहीं होती।" मैसन हमें सलाह देते हैं कि हम अपनी सीमाओं को पहचानकर उसे स्वीकार करें वह कहते हैं, यही असली ताकत का स्रोत है। एक बार अपने डर गलतियों और अनिश्चितता को स्वीकार कर जब हम इन्हें अनदेखा करना बन्द कर इनका सामना करते हैं हम वह साहस और विश्वास हासिल कर सकते हैं, जिसे बड़ी बेताबी से हम ढूँढ़ रहे हैं।
"जिन्दगी में, हम बहुत ज्यादा लोड नहीं ले सकते। तो आपको होशियारी से चुनना होगा कि किस चीज का 'लोढ लें और किसका नहीं।" मैसन खुद की आँखों में आँखें डालकर सच का सामना करने वाले पल निकालकर लाये है, और इस किताब को दिलचस्प किस्सों और बेरहम हास्य से भर दिया है। यह किताब हम सबकी पीठ पर वह धील है, जिसके पढ़ते ही हम जमीन पर अपने पैर रखते हुए आगे के और मनोरंजक सफर पर बढ़ निकलते हैं।
9789389012996
Self-realization
H 158.1 MAN
Subtle art of not giving a fuck - New Delhi Vani prakashan 2019 - 174 p.
नयी पीढ़ी की इस सेल्फ हेल्प गाइड में सुपरस्टार ब्लॉगर मजबूत बनने मुश्किलों का हँसते हुए सामना करने के गुर तो सिखाते ही हैं, साथ ही बताते हैं कि हर समय सकारात्मकता की कोई जरूरत नहीं है। पिछले कुछ सालों से मार्क मैसन-अपने लोकप्रिय ब्लॉग के द्वारा खुद के प्रति हमारी और दुनिया की भ्रामक उम्मीदों से उबरने में हमारी मदद कर रहे हैं। उन्होंने अब अपनी ज़बरदस्त सोच को इस अभूतपूर्व किताब में उतारा है।
मैंसन तर्क देते हैं कि इन्सान गलती भी करते हैं और उनकी एक सीमा भी होती है। वह लिखते हैं, "हर कोई असाधारण नहीं हो सकता समाज में विजेता और पराजित, दोनों ही तरह के लोग रहते हैं, और अक्सर इसमें आपकी कोई गलती नहीं होती।" मैसन हमें सलाह देते हैं कि हम अपनी सीमाओं को पहचानकर उसे स्वीकार करें वह कहते हैं, यही असली ताकत का स्रोत है। एक बार अपने डर गलतियों और अनिश्चितता को स्वीकार कर जब हम इन्हें अनदेखा करना बन्द कर इनका सामना करते हैं हम वह साहस और विश्वास हासिल कर सकते हैं, जिसे बड़ी बेताबी से हम ढूँढ़ रहे हैं।
"जिन्दगी में, हम बहुत ज्यादा लोड नहीं ले सकते। तो आपको होशियारी से चुनना होगा कि किस चीज का 'लोढ लें और किसका नहीं।" मैसन खुद की आँखों में आँखें डालकर सच का सामना करने वाले पल निकालकर लाये है, और इस किताब को दिलचस्प किस्सों और बेरहम हास्य से भर दिया है। यह किताब हम सबकी पीठ पर वह धील है, जिसके पढ़ते ही हम जमीन पर अपने पैर रखते हुए आगे के और मनोरंजक सफर पर बढ़ निकलते हैं।
9789389012996
Self-realization
H 158.1 MAN