Itihasa evam puratattva ke navin ayam : mudraom aur abhilekhom ke visesha sandarbha mein
Srivastava, Oma Prakash Laal
Itihasa evam puratattva ke navin ayam : mudraom aur abhilekhom ke visesha sandarbha mein - Delhi B.R. publishing corporation 2021. - 334 p.
इस पुस्तक से भारतीय इतिहास एवं पुरातत्त्व के विविध पक्षों पर प्रकाश पड़ता है, उदाहरणस्वरूप- कालिदास का समय ईसा पूर्व द्वितीय शताब्दी; पुष्यमित्र का राजवंश बैम्बिक; शूद्रक की तिथि ईसा पूर्व चौथी शताब्दी; महात्मा बुद्ध के धर्म-चक्र प्रवर्त्तन की तिथि 515 ईसा पूर्व महावीर के निर्वाण-स्थल पावा की वीरभारी से पहचान, कण्व वंश के शासकों की संशोधित नामावली; पुरास्थल एरच के नगर-सिक्के एवं मुद्राएँ; पंचाल सिक्कों एवं मुद्रांकों के आधार पर शासकों का वर्गीकरण; दक्षिण पंचाल के अज्ञात शासक; समुद्रगुप्त के इलाहाबाद स्तम्भलेख में वर्णित नागदत्त एवं नागसेन की पहचान के अतिरिक्त भारतीय अंक विज्ञान तथा शून्य एवं दशमिक पद्धति आदि उल्लेखनीय हैं। अतः यह पुस्तक भारतीय इतिहास के विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी।
9789388789868
Inscriptions, Indic
Art, Indic
India
H 934 SRI
Itihasa evam puratattva ke navin ayam : mudraom aur abhilekhom ke visesha sandarbha mein - Delhi B.R. publishing corporation 2021. - 334 p.
इस पुस्तक से भारतीय इतिहास एवं पुरातत्त्व के विविध पक्षों पर प्रकाश पड़ता है, उदाहरणस्वरूप- कालिदास का समय ईसा पूर्व द्वितीय शताब्दी; पुष्यमित्र का राजवंश बैम्बिक; शूद्रक की तिथि ईसा पूर्व चौथी शताब्दी; महात्मा बुद्ध के धर्म-चक्र प्रवर्त्तन की तिथि 515 ईसा पूर्व महावीर के निर्वाण-स्थल पावा की वीरभारी से पहचान, कण्व वंश के शासकों की संशोधित नामावली; पुरास्थल एरच के नगर-सिक्के एवं मुद्राएँ; पंचाल सिक्कों एवं मुद्रांकों के आधार पर शासकों का वर्गीकरण; दक्षिण पंचाल के अज्ञात शासक; समुद्रगुप्त के इलाहाबाद स्तम्भलेख में वर्णित नागदत्त एवं नागसेन की पहचान के अतिरिक्त भारतीय अंक विज्ञान तथा शून्य एवं दशमिक पद्धति आदि उल्लेखनीय हैं। अतः यह पुस्तक भारतीय इतिहास के विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी।
9789388789868
Inscriptions, Indic
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India
H 934 SRI