Us paar ki shaam: Meeraji-Sanchayan

Nizam, Sheen Kaaf (ed.)

Us paar ki shaam: Meeraji-Sanchayan - Delhi Setu 2021 - 194 p.

२६ नवम्बर, १९४५ को जोधपुर में पैदा हुए शीन काफ़ निजाम ने शाइरी के साथ-साथ आलोचना, शोध और सम्पादन में भी उल्लेखनीय कार्य किया है। जिसके लिए उन्हें साहित्य अकादेमी पुरस्कार, राष्ट्रीय इक़बाल सम्मान, भारतीय भाषा संस्थान द्वारा भाषा-भारती सम्मान, बेगम अख़्तर ग़ज़ल सम्मान तथा राजस्थान उर्दू अकादेमी का सर्वोच्च 'महमूद शीरानी सम्मान' से सम्मानित किया गया है।
आपकी शाइरी के प्रकाशित संग्रहों में 'दश्त में दरिया', 'साया कोई लम्बा न था', 'सायों के साये में', 'रास्ता ये कहीं नहीं जाता' और 'गुमशुदा दैर की गूँजती घण्टियाँ' देवनागरी में, तथा 'नाद', 'बयाजे खो गयी है' और 'गुमशुदा दैर की गूँजती घण्टियाँ' उर्दू में उल्लेखनीय हैं।
'लफ़्ज़ दर लफ़्ज़' और 'मानी दर मानी' आलोचनात्मक और विवेचनात्मक पुस्तकों के अलावा 'ग़ालिबियत और गुप्ता रिज़ा' (माहिरे ग़ालिबियात स्व. अल्लामा कालीदास गुप्ता 'रिजा') और 'भीड़ में अकेला' (स्व. मख़्यूर सईदी पर केन्द्रित) के सम्पादन के साथ उर्दू की साहित्यिक पत्रिकाओं का भी सम्पादन किया है। नन्दकिशोर आचार्य के साथ उर्दू कवियों का संचयन और सम्पादन के साथ-साथ हिन्दी

9789389830774


Urdu poetry

H 8914391 USP

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