Ishq mein shahar hona
Kumar, Raveesh.
Ishq mein shahar hona - 1st ed. - New Delhi Rajkamal Prakashan 2015 - 110 p.
एक टीवी पत्रकार ने जैसे जिया शहर को, लिखी उसमें पलनेवाले प्रेम की लघु कथाओं की श्रृंखला/
"प्रेम हम सबको बेहतर शहरी बनाता है। हम शहर के हर अनजान कोने का सम्मान करने लगते हैं। उन कोनों में ज़िन्दगी भर देते हैं... आप तभी एक शहर को नए सिरे से खोजते हैं जब प्रेम में होते हैं। और प्रेम में होना सिर्फ़ हाथ थामने का बहाना ढूँढ़ना नहीं होता। दो लोगों के उस स्पेस में बहुत कुछ टकराता रहता है। 'लप्रेक' उसी कशिश और टकराहट की पैदाइश है।"
9789388183437
Romance fiction, Hindi
891.43372 KUM
Ishq mein shahar hona - 1st ed. - New Delhi Rajkamal Prakashan 2015 - 110 p.
एक टीवी पत्रकार ने जैसे जिया शहर को, लिखी उसमें पलनेवाले प्रेम की लघु कथाओं की श्रृंखला/
"प्रेम हम सबको बेहतर शहरी बनाता है। हम शहर के हर अनजान कोने का सम्मान करने लगते हैं। उन कोनों में ज़िन्दगी भर देते हैं... आप तभी एक शहर को नए सिरे से खोजते हैं जब प्रेम में होते हैं। और प्रेम में होना सिर्फ़ हाथ थामने का बहाना ढूँढ़ना नहीं होता। दो लोगों के उस स्पेस में बहुत कुछ टकराता रहता है। 'लप्रेक' उसी कशिश और टकराहट की पैदाइश है।"
9789388183437
Romance fiction, Hindi
891.43372 KUM