Kal ki baat : Rishabh
Praveer, Prachand
Kal ki baat : Rishabh by Prachand Praveer - New Delhi Setu prakashan 2021. - 192 p.
लघुकथा संग्रह 'कल की बात' एक विशिष्ट विधा में है, जिसके हर अंक में ठीक पिछले दिन की घटनाओं का मनोरंजक वर्णन है। आपबीती शैली में लिखी गयी ये कहानियाँ कभी गल्प, कभी हास्य, कभी उदासी को छूती हुई आज के दौर की साक्षी
हैं। कहानीकार, उसके खुशमिजाज सहकर्मी, आस-पड़ोस के चुलबुले बच्चे, यहाँ भारतीय समाज में रचे-बसे गीत और कविताएँ पारम्परिक मूल्यों के साथ विविधता में यहाँ बने रहते हैं। कई बार छोटी-छोटी बातों में गहरी बात छुपी होती है, ऐसी ही है कल की बात!
इसे पढ़कर आप भी कह उठेंगे कि यह मेरी भी कहानी है। कल की बात हमारी ही तो बात है! ‘कल की बात : ऋषभ' इस लघुकथा संकलन श्रृंखला की दूसरी कड़ी है।
9789391277192
Fiction
H PAR P
Kal ki baat : Rishabh by Prachand Praveer - New Delhi Setu prakashan 2021. - 192 p.
लघुकथा संग्रह 'कल की बात' एक विशिष्ट विधा में है, जिसके हर अंक में ठीक पिछले दिन की घटनाओं का मनोरंजक वर्णन है। आपबीती शैली में लिखी गयी ये कहानियाँ कभी गल्प, कभी हास्य, कभी उदासी को छूती हुई आज के दौर की साक्षी
हैं। कहानीकार, उसके खुशमिजाज सहकर्मी, आस-पड़ोस के चुलबुले बच्चे, यहाँ भारतीय समाज में रचे-बसे गीत और कविताएँ पारम्परिक मूल्यों के साथ विविधता में यहाँ बने रहते हैं। कई बार छोटी-छोटी बातों में गहरी बात छुपी होती है, ऐसी ही है कल की बात!
इसे पढ़कर आप भी कह उठेंगे कि यह मेरी भी कहानी है। कल की बात हमारी ही तो बात है! ‘कल की बात : ऋषभ' इस लघुकथा संकलन श्रृंखला की दूसरी कड़ी है।
9789391277192
Fiction
H PAR P