Mom ke pighalte bol
Sharma, Tej Ram
Mom ke pighalte bol - New Delhi Neelima Prakashan 2015 - 128 p.
इस गहरी पेड़ों ढकी पर्वत घाटी में अंधकार की लहरें नहीं लील पाती पेड़ों को पत्तियों के रजत तार जुड़े हैं चमकती आँख से घने अँधेरों की डरावनी आवाजों बीच जब-तब सुनाई दे जाते हैं
9788192051444
Poetry - Hindi
CS 891.4317 SHA
Mom ke pighalte bol - New Delhi Neelima Prakashan 2015 - 128 p.
इस गहरी पेड़ों ढकी पर्वत घाटी में अंधकार की लहरें नहीं लील पाती पेड़ों को पत्तियों के रजत तार जुड़े हैं चमकती आँख से घने अँधेरों की डरावनी आवाजों बीच जब-तब सुनाई दे जाते हैं
9788192051444
Poetry - Hindi
CS 891.4317 SHA