Bhasha vigyan tatha hindi bhasha
Singh, Vinamrasen
Bhasha vigyan tatha hindi bhasha - New Delhi Shivank Prakashan 2017 - 272p.
भाषा विज्ञान न केवल भाषाओं के अध्ययन में ही उपयोगी है, अपितु साहित्य के अध्ययन में भी अत्यन्त उपयोगी है। प्राचीन साहित्य भिन्न-भिन्न समय में किन-किन अर्थों में प्रयुक्त होता रहा, उसके उच्चारण में उत्तरोत्तर किस प्रकार से परिवर्तन हुआ और उसका प्रयोग भिन्न-भिन्न परिस्थितियों में किस प्रकार से परिवर्तित होता रहा, इस प्रकार की अनेक समस्याओं का समाधान भाषा विज्ञान के द्वारा हो जाता है। भाषा विज्ञान ही साहित्य के अभिव्यक्ति-सौन्दर्य एवं अभिव्यंजना कौशल को समझने में सहायता पहुंचाता है।
9789383980406
Hindi bhasha
Copyright--Electronic information resources
H 491.43 SIN
Bhasha vigyan tatha hindi bhasha - New Delhi Shivank Prakashan 2017 - 272p.
भाषा विज्ञान न केवल भाषाओं के अध्ययन में ही उपयोगी है, अपितु साहित्य के अध्ययन में भी अत्यन्त उपयोगी है। प्राचीन साहित्य भिन्न-भिन्न समय में किन-किन अर्थों में प्रयुक्त होता रहा, उसके उच्चारण में उत्तरोत्तर किस प्रकार से परिवर्तन हुआ और उसका प्रयोग भिन्न-भिन्न परिस्थितियों में किस प्रकार से परिवर्तित होता रहा, इस प्रकार की अनेक समस्याओं का समाधान भाषा विज्ञान के द्वारा हो जाता है। भाषा विज्ञान ही साहित्य के अभिव्यक्ति-सौन्दर्य एवं अभिव्यंजना कौशल को समझने में सहायता पहुंचाता है।
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