000 | 01907nam a2200181Ia 4500 | ||
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999 |
_c578 _d578 |
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005 | 20220726203833.0 | ||
008 | 200202s9999 xx 000 0 und d | ||
082 | _aH 181.4 CHA | ||
100 | _aChattopadhyay ,Satishchandra | ||
245 | 0 | _aBharatiya darshan | |
260 | _aPatna | ||
260 | _bPustak Bhandar | ||
260 | _c1958 | ||
300 | _a287p. | ||
520 | _aअपार सन्तोष है कि विश्वविद्यालयों के छात्रों तथा भारतीय दर्शन के अनुरागियों को यह पुस्तक उपादेय सिद्ध हुई है। प्रथम संस्करण की पुस्तक प्रायः दो वर्ष पहले ही समाप्त हो चुकी थी। परन्तु मूल ग्रन्थ के नवीनतम संस्करण के अनुसार हिन्दी अनुवाद के आयोपान्त परिवर्तन परिवर्तन व परिशोधन के प्रयास में इस द्वितीय संस्करण के प्रकाशन में दिल हो गया है। यदि यह नवीन रूपान्तर अधिक उपयोगी सिद्ध हो तभी यह erie होगा । मूल ग्रन्थ का रूसी भाषा में अनुवाद तथा बहुत प्रचार हुआ है; स्मानित और इताजिन में भी अनुवाद होने जा रहा है परन्तु भारतीय भाषाओं में हिन्दी ही को इसके प्रचार का गौरव प्राप्त है। | ||
650 | _aBhartiya darsan | ||
942 |
_cB _2ddc |