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100 _aSudha,G.S
245 0 _aPrabandh chintan ka itihaas
245 0 _nc.2
260 _aJaipur
260 _bR.B.S.A Publishers
260 _c1998.
300 _a369p.
520 _aइस पुस्तक में प्रबन्ध के प्रमुख विचारकों के दर्शन, चिन्तन एवं अनुसंधान कार्यों का विश्लेषण किया गया है। यह उनकी चिन्तनधाराओं के सार तत्त्व को अनावृत्त करने की दिशा में एक प्रयास है।
650 _aManagement Thoughts
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