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008 | 200204s9999 xx 000 0 und d | ||
082 | _aH 370.1 VED | ||
100 | _aVedalankar,Satyakam | ||
245 | 0 | _aSiksha:siddhanta aur samasyayen | |
245 | 0 | _nv.1999 | |
260 | _aDelhi | ||
260 | _bRastravani Prakashan | ||
260 | _c1999 | ||
300 | _a176p | ||
520 | _aशिक्षा एक सामान्य विषय नहीं है। इसे उस रूप में नहीं पढ़ाया जाता जिस रूप में भाषा, साहित्य, इतिहास, भूगोल और विज्ञान के विषय पढ़ाये जाते हैं। यह विषय उन लोगों के लिए है जो इसमें विशेषज्ञता प्राप्त करना चाहते हैं। प्रमुख रूप से शिक्षा का विषय अध्यापकों के लिए होता है। शिक्षा-विषय के अन्तर्गत शिक्षार्थी को कई उप-विषय पढ़ने पड़ते हैं । उसे शिक्षा के सिद्धांतों और शिक्षादर्शन की जानकारी प्राप्त करनी पड़ती है। यह शिक्षा-विषय का एक अंग है। दूसरा अंग है, पाठ्यक्रम जिसके अन्तर्गत यह जानना होता है कि शिक्षा के लिए छात्रों को क्या पढ़ाना चाहिए और क्यों यह सब कुछ पढ़ाना चाहिए। तीसरा अंग शिक्षण- कला और शिक्षण विधि है । इसके अन्तर्गत विद्यार्थियों को अनेक प्रकार की शिक्षण विधियों और प्रविधियों की जानकारी प्राप्त करनी पड़ती है। इस पुस्तक में शिक्षा के समस्त सिद्धांतों की व्यापक रूप से चर्चा की गई है तथा शिक्षा से जुड़ी प्रायः सभी समस्याओं पर प्रकाश डाला गया है। विद्वान् लेखक ने शिक्षा के विविध आयामों का सूक्ष्म विवेचन विश्लेषण प्रस्तुत किया है। अध्यापकों, शिक्षा के विद्यार्थियों, अभिभावकों एवं आम पाठकों के लिए एक अनिवार्य पुस्तक । | ||
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