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082 _aH 370.15 CHA
100 _aChaubey,Saryu Prasad
245 0 _aBharat hetu shiksha-darshan
245 0 _nv.1998
260 _aNoida
260 _bMayur Paperbacks
260 _c1998
300 _a288p.
520 _aज्ञातव्य है कि 'शिक्षा-दर्शन' एक विषय के रूप में शिक्षा शास्त्र के बी. ए., एम. ए. तथा एल. टी., बी. एड. और एम. एड. के विद्यार्थियों के लिए विभिन्न विश्वविद्यालयों में अनिवार्य विषय बना दिया गया है। फलतः बाजार में इस विषय पर विभिन्न नामों से कई पुस्तकें उपलब्ध हैं। देश के हिंदी भाषा-भाषी क्षेत्रों के विश्वविद्यालयों में शिक्षा शास्त्र विषय के स्नातक तथा स्नातकोत्तर कक्षाओं हेतु शिक्षा दर्शन के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार यह पुस्तक तैयार की गई है। प्रस्तुत पुस्तक चार खंडों में विभाजित है पुस्तक की विशेषता यह है कि इसके दूसरे खंड में भारतीय दर्शन के कुछ प्रमुख पक्षों, जैसे सांख्य दर्शन, योग दर्शन, वेदांत (या उपनिषद्) - दर्शन, श्रीमद्भगवद्गीता-दर्शन, जैन-दर्शन, बौद्ध-दर्शन तथा शंकर का अद्वैतवाद की शास्त्रीय विवेचना के साथ-साथ प्रत्येक के शैक्षिक निहितार्थ का स्पष्ट और सरल विवरण दिया गया है। पुस्तक के तीसरे खंड में कुछ उन पाश्चात्य दर्शनों की शैक्षिक विवेचना की गई है, जो कि देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के शिक्षा शास्त्र संबंधी पाठ्यक्रम में हैं। इसके चौथे खंड में कुछ प्रमुख समाजशास्त्रीय प्रत्ययों के शैक्षिक निहितार्थो का विवेचन है। ये 'प्रत्यय' भी विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम के अंग हैं।
942 _cB
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