000 03349nam a2200181Ia 4500
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008 200204s9999 xx 000 0 und d
082 _aH 491.43 SAK
100 _aSaklani, Muni Ram
245 0 _aPrashasan mein Hindi
245 0 _nc.2
260 _aDehradun
260 _bAsha Publication
260 _c1997
300 _a160 p.
520 _aजब से हिन्दी को भारत की राजभाषा का प्रतिष्ठित स्थान मिला है, तब से सरकारी कामकाज मैं हिन्दी के उत्तरोत्तर प्रयोग हेतु अनेक पुस्तको की आवश्यकता बनी हुई है। इस आवश्यकता की पूर्ति हेतु डा० मुनिराम सकलानी ने प्रशासन में हिन्दी पुस्तक लिखने का एक विनम्र प्रयास किया है। आज प्रशासनिक कार्यों में राजभाषा हिन्दी के प्रयोग का महत्वपूर्ण स्थान है। इस दृष्टि से डा० सकलानी ने 'प्रशासन में हिन्दी पुस्तक लिखकर यह आधार सबल बनाया है कि अब प्रशासन में हिन्दी की स्थिति अत्यन्त महत्वपूर्ण है। प्रयोजनमूलक दिशाओं के व्यावहारिक पक्षों को संप्रेष्य बनाने में यह प्रयास सफल हुआ है। इस ग्रन्थ में अत्यन्त परिश्रम से सभी बिन्दुओ का सभी प्रासंगिक इकाईयों का तर्कयुक्त "विवेचन किया है। इस दृष्टि से प्रयोजनमूलक हिन्दी का यह आधार ग्रन्थ कहा जा सकता है। इस ग्रन्थ का सीधा जुडाव राजभाषा से जनभाषा और जनभाषा से सम्पर्क भाषा तथा राष्ट्रभाषा हिन्दी के विश्वभाषिक स्वरूप से है। प्रस्तुत पुस्तक सरकारी कार्यालय करे उपक्रमो तथा निगम मेारत सरकार की राजभाषा नीति के क्रियान्वयन प्रशिक्षण संस्थानों एवं महाविद्यालयो मे व्यावहारिक एवं प्रयोजनमूलक हिन्दी का प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु प्रशिक्षणार्थियों एवं छात्रों के लिए अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगी।
942 _cB
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