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008 | 200204s9999 xx 000 0 und d | ||
020 | _a8171380166 | ||
082 | _aH 491.435 BHA | ||
100 | _aBhatnagar, Rajendramohan | ||
245 | 0 | _aAdhunik hindi vyakran | |
245 | 0 | _nv.1989 | |
260 | _aNew Delhi | ||
260 | _bJagdish Bhardwaj Samyik Prakash | ||
260 | _c1989 | ||
300 | _a205 p. | ||
520 | _aभाषा के शब्दकोश से लेकर उसकी प्रकृति और प्रयोगाश्रित संभावनाओं का अभ्यास इस पुस्तक में कराया गया है । शब्द- निर्माण विज्ञान और शब्द प्रयोग की सघन सार्थकता का इससे अबबोध होता है। | ||
942 |
_cB _2ddc |