000 | 01292nam a2200181Ia 4500 | ||
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999 |
_c41156 _d41156 |
||
005 | 20220907152039.0 | ||
008 | 200204s9999 xx 000 0 und d | ||
082 | _aH 491.433 BAH | ||
100 | _aBahri, Hardev | ||
245 | 0 | _aManak hindi paryaya kosh | |
245 | 0 | _nv.1989 | |
260 | _aNew Delhi | ||
260 | _bVidya Prakashan | ||
260 | _c1989 | ||
300 | _a287 p. | ||
520 | _aपर्याय या समानार्थक शब्द भले ही एक जैसे लगें, पर उनके प्रयोग में अन्तर होता है, इसीलिए शब्दों के पर्यायों का ज्ञान होने से उनके सटीक और उपयुक्त प्रयोग का भंडार अपने पास रहता है । जैसे, भ्रू, भृकुटी, और, भौंह, भले ही समानार्थक हों, पर प्रयोग में 'भ्रू' से क्रोध की वक्रता, 'भृकुटी' से कटाक्ष की चंचलता तथा 'भौंह' से स्वाभाविक प्रसन्नता का बोध होता है । | ||
942 |
_cB _2ddc |