000 | 01866nam a2200193Ia 4500 | ||
---|---|---|---|
999 |
_c40206 _d40206 |
||
005 | 20220722202632.0 | ||
008 | 200204s9999 xx 000 0 und d | ||
082 | _aH 070.924 JOS | ||
100 | _aJoshi,Surendra | ||
245 | 0 | _aHindi patrakarita:gadhya vidhaye aur Banarasi das chaturvedi | |
245 | 0 | _nv.1990 | |
260 | _aDelhi | ||
260 | _bSarita Book House | ||
260 | _c1990 | ||
300 | _a238 p. | ||
520 | _aयह पुस्तक मूलतः पी० एच० डी० उपाधि के लिए प्रस्तुत शोधप्रबन्ध है, जिस पर 1988 में गढ़वाल विश्व विद्यालय ने उपाधि प्रदान की थी । इस पुस्तक में हिन्दी पत्रकारिता के विकास - इतिहास तथा गद्य की नवीन विधाओं के स्वरूप - विकास पर गहन वचार - विश्लेषण करने के साथ-साथ हिन्दी पत्रकारिता तथा गद्य-विधाओं के निर्माता युगपुरुष साहित्यसेवी पं० बनारसी दास चतुर्वेदी के योगदान का अध्ययन-मूल्यांकन किया गया है । इसके सभी परीक्षकों की राय है कि यह शोधकार्य हिन्दी साहित्य और पत्रकारिता दोनों ही विषयों में एक महत्वपूर्ण कार्य है और समान रूप से उपयोगी है । | ||
650 | _aHindi patrikaye | ||
942 |
_cB _2ddc |