000 | 02722nam a2200169Ia 4500 | ||
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999 |
_c36324 _d36324 |
||
005 | 20220804155233.0 | ||
008 | 200202s9999 xx 000 0 und d | ||
082 | _aH 491.43 JAI | ||
100 | _aJaikumar | ||
245 | 0 | _aEtihasik bhasha vigyan: siddhant aur vyavhar | |
260 | _aLucknow | ||
260 | _bHindi Samiti Soochana Vibhag | ||
260 | _c1972 | ||
300 | _a344 p. | ||
520 | _aभाषाविज्ञान के अन्तर्गत मनुष्य की अर्थपूर्ण व्यक्त ध्वनियों और उनके प्रयोगों का अध्ययन किया जाता है। दूसरे रूप में यह मानवीय बौद्धिक चेतना के विश्लेषण, तारतम्य तथा कालिक विकासक्रम का सूक्ष्म अनुशीलन है, जिसका कुछ परिचय सामाजिक इतिहास, भूगोल, नृतत्व विज्ञान से भी प्राप्त होता है। भाषा विज्ञान के उच्च स्तरीय पठन-पाठन को वर्णनात्मक भाषाविज्ञान, तुलनात्मक भाषा विज्ञान एवं ऐतिहासिक भाषाविज्ञान की तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है । इनमें से वर्णनात्मक भाषाविज्ञान तथा तुलनात्मक भाषाविज्ञान को तीसरी श्रेणी, ऐतिहासिक भाषाविज्ञान का आधार या अनुपूरक समझा जाता है। काल के संदर्भ में एक के बाद दूसरी भाषाओं की ध्वनि, रूप, वाक्य रचना, अर्थ और शब्दसमूह में क्या परिवर्तन होते आये हैं, उनके कारण क्या रहे हैं तथा उन परिवर्तनों के बाह्य और आन्तरिक प्रभाव कहाँ तक सक्रिय रहे हैं, इस सबका अध्ययन करते हुए ऐतिहासिक भाषाविज्ञान परिवर्तन के सिद्धान्त, नियम और प्रगति का निर्धारण करता है। | ||
942 |
_cB _2ddc |