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040 _cAACR-II
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100 _aManu, Prakash
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245 _aChuni hui kavitayen
260 _aNew Delhi
_bLittle-Bird
_c2024
300 _a168p.
520 _aप्रकाश मनु की सृजन-यात्रा की शुरुआत कविता से हुई थी, और पिछले पचास बरसों के लंबे उतार-चढ़ाव और विचित्रा हलचलों भरे दौर में उनके जीवन और साहित्य-यात्रा में भी तमाम मोड़ आए, पर कविता का साथ कभी नहीं छूटा। कविता उनके लिए साँस लेने की तरह है, और उनके ही शब्दों में, ”कविता का और मेरा पुराना साथ है। कभी-कभी तो लगता है, जन्म-जन्मांतरों का!“ जाहिर है, कविता से ही उन्हें जीने और जूझने की शक्ति मिलती है, और जीने के मायने भी।
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