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082 _aBR 320.54092 AMB
100 _aGupta, Shubham
_97019
245 _aJeevani Dr. Bhimrao Ambedkar
250 _a3rd
260 _aEast Delhi;
_bPrabhakar;
_c2023
300 _a168p.
520 _a“अरे तुम कितनी दुर्दशा में हो। तुम्हारे असहाय चेहरे देखकर और तुम्हारे दीनता भरे शब्द सुनकर मेरा हृदय रोता है। तुम अपने ऐसे दीन-हीन जीवन से दुनिया के दुःख-दर्द क्यूं बढ़ाते हो? तुम अपनी माँ के गर्भ में ही क्यूं न मर गए? अब भी मर जाओ तो तुम संसार पर बड़ा उपकार करोगे। यदि तुम्हें जीवित रहना है, तो जिन्दादिल बनकर जियो। इस देश के अन्य नागरिकों को मिलता है, वैसा अन्न, वस्त्र और मकान तुम्हें भी हासिल हो। यह तुम्हारा जन्म-सिद्ध अधिकार है और इस अधिकार को प्राप्त करने के लिए तुम्हें ही आगे आना होगा। बड़ी मेहनत तथा दृढ़ता के साथ संघर्ष करना होगा।” - डॉ. भीमराव अम्बेडकर
650 _aBharat Ratna Awardee- Dr. B.R. Ambedkar (1990)
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650 _aBiography- Dr. B.R. Ambedkar
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