000 02675nam a22001817a 4500
003 OSt
005 20241101123500.0
020 _a9788173156953
082 _aPM 954.053092 MOD
100 _aModi, Narendra
245 _aJyotipunj
260 _aNew Delhi;
_bPrabhat;
_c2023
300 _a268p.
520 _aसंसार में उन्हीं मनुष्यों का जन्म धन्य है; जो परोपकार और सेवा के लिए अपने जीवन का कुछ भाग अथवा संपूर्ण जीवन समर्पित कर पाते हैं। विश्व इतिहास का निर्माण करने में ऐसे ही सत्पुरुषों का विशेष योगदान रहा है। संसार के सभी देशों में सेवाभावी लोग हुए हैं; लेकिन भारतवर्ष की अपनी विशेषता रही है; जिसके कारण वह अपने दीर्घकाल के इतिहास को जीवित रख पाया है। किसी ने समय दिया; किसी ने जवानी दी; किसी ने धन और वैभव छोड़ा; किसी ने कारावास की असह्य पीड़ा सही। भारतवर्ष की धरती धन्य है और धन्य हैं वे सत्पुरुष; जिन्होंने राष्ट्रोत्थान को अपना जीवन-धर्म व लक्ष्य बनाया और अनवरत राष्ट्रकार्य में लीन रहे। उन्होंने भारत के गौरवशाली अतीत को जीवंत रखा और सशक्त-समर्थ भारत के स्वप्न को साकार करने के लिए अपने जीवन को होम कर दिया। ‘राष्ट्र सर्वोपरि’ को जीवन का मूलमंत्र माननेवाले ऐसे ही तपस्वी मनीषियों का पुण्य-स्मरण किया है स्वयं राष्ट्रसाधक श्री नरेंद्र मोदी ने इस पुष्पांजलि ज्योतिपुंज में।
650 _aPolitical Science
_96947
650 _aPM Narendra Modi
_96948
942 _cB
999 _c357035
_d357035