000 03271nam a22002057a 4500
003 OSt
005 20240521100235.0
008 240521b |||||||| |||| 00| 0 eng d
020 _a9789355216052
040 _cAACR-II
082 _aH 954.040924 AMB
100 _aAmbedkar, B. R.
_91388
245 _aMeri Atmakatha
260 _aNew Delhi
_bPrabhat prakashan
_c2024
300 _a176p.
520 _aडॉ. बी. आर. आंबेडकर की आत्मकथा भारत के महानतम समाज-सुधारकों और दूरदर्शियों में से एक असाधारण जीवन की भावपूर्ण स्मारकीय कृति है । इस आत्मकथा में डॉ. आंबेडकर अपने प्रारंभिक जीवन, जातिगत भेदभाव के खिलाफ अपने संघर्ष, शिक्षा के अपने प्रयास तथा सामाजिक न्याय और मानवाधिकारों को सुरक्षित करने के अपने अथक प्रयासों के माध्यम से एक परिवर्तनकारी यात्रा पर ले जाते हैं। वे एक छात्र, एक वकील, एक विद्वान् और अंततः भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार के रूप में अपने अनुभवों को साझा करते हैं । डॉ. बी. आर. आंबेडकर की आत्मकथा दमन की गहरी जड़ें जमा चुकी व्यवस्थाओं को चुनौती देने के साहस की याद दिलाती है । यह भारतीय इतिहास के कालक्रम को आकार देने में किए गए असंख्य व्यक्तिगत बलिदानों और डॉ. आंबेडकर के अमिट प्रभाव को दरशाती है। भारतीय संविधान की मसौदा समिति के अध्यक्ष के रूप में उनकी भूमिका, जहाँ उन्होंने प्रत्येक नागरिक के अधिकारों और सम्मान को सुनिश्चित करने के लिए अथक संघर्ष किया, सामाजिक न्याय के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उनकी आत्मकथा एक मार्गदर्शक प्रकाश के रूप में काम करे, जो हमारे भीतर करुणा, सहानुभूति और समानता की निरंतर खोज की भावना को प्रज्वलित करे ।
650 _aB. R. Ambedkar
_92950
650 _aAutobiography
_92951
942 _2ddc
_cB
999 _c355627
_d355627