000 | 02097nam a22001937a 4500 | ||
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003 | OSt | ||
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040 | _cAACR-II | ||
082 | _aSA SIN S | ||
100 |
_aSingh, Shivprasad _9669 |
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245 | _aNeela Chand | ||
260 |
_aNew Delhi _bBani Prakashan _c2021 |
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300 | _a536 p. | ||
520 | _aनीला चाँद हिन्दी के विख्यात साहित्यकार शिवप्रसाद सिंह द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1990 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कुछ ऐसी घटनाएं भी होती हैं जो कभी-कभार ही घटित होती हैं लेकिन वह अपने होने के पीछे कई बड़े सवाल छोड़ जाती हैं. कुछ रहस्य और विस्मय भी, ऐसी विरल घटनाओं को नाम दिया गया है “नीला चांद”.क्या इस दुनिया में हम अकेले हैं और क्या धरती के अलावा ये पूरा अंतरिक्ष बंजर है? क्या इस अनंत आकाश में धरती जैसा कहीं कोई एक भी ग्रह नहीं है? ये तमाम वो सवाल हैं जो इंसानी दिमाग को सदियों से उलझन में डालते आए हैं लेकिन आज विज्ञान की नज़र से हम इन तमाम सवालों के जवाबों को नीला चाँद पढ़ कर जान सकते हैं। | ||
650 |
_aSahitya Akademi, Novel _91200 |
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942 |
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