000 01965nam a22002057a 4500
003 OSt
005 20240205091554.0
008 240205b |||||||| |||| 00| 0 eng d
020 _a8126307110
040 _cAACR-II
082 _aH 891.4301 AJN
100 _aAjneya
_9684
245 _aJaidol
250 _a10th ed.
260 _aNew Delhi
_bBharatiya Jnanpith
_c2011
300 _a127p.
520 _aजयदोल - 'अज्ञेय' की सर्वतोमुखी प्रतिभा ने साहित्य के अनेक क्षेत्रों को समर्थ नेतृत्व दिया और उनके कृतित्व ने अनेक साहित्यिक विधाओं को नये मानदण्डों की स्थापना द्वारा समृद्ध किया। हिन्दी कहानी ने 'अज्ञेय' के अवदान से एक विशिष्टता प्राप्त की है। 'जयदोल' में संगृहीत बारह कहानियाँ 'अज्ञेय' की विशिष्टता को रेखांकित करती हैं— जीवन के प्रति सजग और सौहार्दपूर्ण दृष्टि, चिन्तन के उत्प्रेरक आयाम, प्रौढ़ कथाशिल्प, पात्रों के अन्तरंग की सहज प्रतिछवि, भाषा का संयम बँधा सौन्दर्य, कथा-बोध का आकर्षक एल्बम एवं तरंगायित मानस की दौड़ती लहरों के अनेकानेक गतिचित्र "
650 _aHindi Literature; Stories- Hindi; Bharatiya Jnanpith Pruskar se Samanit kriti
_9685
942 _2ddc
_cB
999 _c354503
_d354503