000 | 02779nam a22002057a 4500 | ||
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040 | _cAACR-II | ||
082 | _aH PRI A | ||
100 |
_aPritam, Amrita _9671 |
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245 | _aAmrita pritam : chune huye upanyas | ||
250 | _a15th ed. | ||
260 |
_aNew Delhi _bBhartiya Gyanpeeth _c2020 |
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300 | _a680p. | ||
520 | _aअमृता प्रीतम चुने हुए उपन्यास - अमृता प्रीतम ज्ञानपीठ पुरस्कार से अपने कविता संग्रह 'काग़ज़ ते कैनवस' के लिए सम्मानित हुई हैं, लेकिन उनकी अनूठी प्रतिभा ने कथा-साहित्य को भी उतना ही देदीप्यमान किया है। अमृता जी ने अपने बहुआयामी कथा-साहित्य में से चुनकर श्रेष्ठतम आठ उपन्यास इस संकलन के लिए स्वयं निश्चित किये हैं। सामाजिक अन्याय किस प्रकार व्यक्ति को तोड़ता है और स्वयं समाज को ध्वस्त करता है, प्रथम प्रेम की पींगों पर उड़ान भरती हुई भावुक नारी किस प्रकार छली जाती है और धराशायी होती है, वर्तमान जीवन के घात-प्रतिघातों के कैसे अभिशप्त और वरदानी रूप हैं——यह सब इस पुस्तक में जीवन्त रूप में विद्यमान है। जीवन का दुःखद यथार्थ और भविष्य का आशान्वित उल्लास यहाँ जिन पात्रों के माध्यम से रूपायित है, वे सब अमृता प्रीतम की प्रखर लेखनी द्वारा साहित्य में अपना अमरत्व स्वयं सँजोये बैठे हैं। प्रतिष्ठित उपन्यासकार अमृता प्रीतम की इस कृति का प्रस्तुत है यह नवीनतम संस्करण। | ||
650 |
_aNovels- Hindi; Selected Seven Novels; Upanyas _9672 |
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942 |
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999 |
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