000 | 01688nam a22001817a 4500 | ||
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003 | OSt | ||
005 | 20230702043407.0 | ||
008 | 230702b |||||||| |||| 00| 0 eng d | ||
020 | _a9788188462643 | ||
040 | _c0 | ||
082 |
_aH 822.33 _b SHA |
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100 | _aSharma, Seema | ||
245 | _aJulius Caeser | ||
260 |
_aNew Delhi : _bSanjeev , _c2022 |
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300 | _a108p. | ||
520 | _aसेनानायक लड़ाई का नेतृत्व करता है जब वह जीत जाता है तो उसकी प्रशंसा होती है, किन्तु यदि वह हार जाता है तो उसके विरोधी उठ खड़े होते हैं और उसकी निन्दा करने लगते हैं। नाटक के पात्रों में प्रशंसक और निन्दक अपना-अपना काम करते रहते हैं। नाटक के मुख्य पात्र जूलियस सीजर के भी अनेक प्रशंसक और निन्दक हैं, नाटक में अन्तिम विजय प्रशंसकों की ही होती है। यह एक चरित्र प्रधान नाटक है किन्तु इसमें घटना क्रम भी अपनी जगह काम करता रहता है। नाटक के संवाद बड़े ही रोचक हैं जिससे कि नाटक अत्यन्त मनोरंजक बन जाता है। | ||
942 |
_2ddc _cB |
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999 |
_c353847 _d353847 |