000 | 00895nam a22001697a 4500 | ||
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999 |
_c350456 _d350456 |
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003 | 0 | ||
005 | 20230501145347.0 | ||
020 | _a9788173156779 | ||
082 |
_aH 320.954 _bPRA |
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100 | _aPrasad Rajendra | ||
245 | _aAsamanjas | ||
260 |
_aNew Delhi _bPrabhat _c2021 |
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300 | _a120p. | ||
520 | _aइसी पुस्तक से देशरत्न बाबू राजेंद्र प्रसाद ने गांधी-दर्शन को जितनी गहराई से समझा था और बापू के सत्य, अहिंसा एवं कर्मवाद के सिद्धांत को जितनी निष्ठा से अपने जीवन में उतारा था, वैसा शायद ही कहीं देखने को मिलता है। | ||
650 | _aPresident | ||
942 | _cB |