000 01950nam a22002057a 4500
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008 250807b |||||||| |||| 00| 0 eng d
020 _a9788173156793
040 _c0
082 _aBR 954.0359 RAJ 1962
_bRAJ
100 _aPrasad, Rajendra
_91700
245 _aKhandit Bharat
260 _aNew Delhi
_bPrabhat Prakashan
_c2022.
300 _a498 p.
520 _aपाकिस्तान की माँग से संबद्ध उस समय तक प्रकाशित प्रायः संपूर्ण साहित्य के विस्तृत अध्ययन के बाद लिखी गई इस पुस्तक की मुख्य विशेषता है कि इसमें लेखक के विचार पाठकों पर आरोपित नहीं किए गए। तथ्यों, आँकड़ों, तालिकाओं, नक्शों और ग्राफों की सहायता से भारतीय प्रायदीप के विभाजन से संबंधित संपूर्ण सामग्री उपस्थित कर देश के बँटवारे के पक्ष-विपक्ष में इस प्रकार तर्क प्रस्तुत किए गए हैं कि पाकिस्तान की व्यवहार्यता अथवा अव्यवहार्यता के विषय में पाठक स्वयं अपनी राय बना सकें। विभाजन के समर्थकों एवं विरोधियों-दोनों के लिए 'खंडित भारत' एक आदर्श ग्रंथ माना गया ।
650 _aPresident of India
_912664
650 _aRajendra Prasad
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942 _cB
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999 _c350427
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