000 | 01124nam a22001817a 4500 | ||
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999 |
_c350189 _d350189 |
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003 | 0 | ||
005 | 20230418123703.0 | ||
020 | _a9789352296408 | ||
082 |
_aH 891.43 _bPHO |
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100 | _aPhooley, Joteerao Govindrao | ||
245 | _aGulamgiri | ||
260 |
_aVardha _bSudhir prakashan _c2022 |
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300 | _a159 p. | ||
520 | _aमहामानव ज्योतिबा फुले के सम्पूर्ण साहित्य का एक बहुत मत्वपूर्ण ग्रन्थ है ‘गुलामगिरी’| ज्योतिबा ने यह ग्रन्थ 1873 में प्रकाशित करवाया था| आज से 144 साल पहले, गुलाम भारत में छपे इस ग्रन्थ में प्राचीनकाल से चली आ रही ‘गुलाम प्रथा’ के बारे में बड़े ही खुले एवं विस्तृत रूप से लिखा है| | ||
650 | _aHindi literature | ||
700 | _aGajbhiye, Prabhakar (tr.) | ||
942 | _cB |