000 | 01804nam a22001577a 4500 | ||
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020 | _a9789386143624 | ||
082 | _aH 294.5921 SIN | ||
100 | _aSingh, Randhanand | ||
245 | _aVishnupadi pitriteerth Gaya | ||
260 |
_aDelhi _bMinakshi _c2020 |
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300 | _a294 p. | ||
520 | _aभगवान् विष्णु के पुण्यप्रद पादचिहन से सुशोभित गयाधाम सभी तीर्थों के प्राण हैं। यह एक पौराणिक नगर है। पौराणिक का व्युत्पत्तिक अर्थ है-जो प्राचीन होकर भी नया रहता है- पुरानवंभवति। एक दार्शनिक ने सच ही कहा है कि "हमारे राम-कृष्ण ऐतिहासिक नहीं हैं, पौराणिक हैं। पौराणिक का अर्थ यह नहीं है कि नहीं हुए। पौराणिक का मतलब बहुत बार हुए और बहुत बार होंगे।” भारतीय दृष्टि से मिथक को पुरावृत्त कहते हैं। मिथक का अर्थ मिथ्या नहीं, कल्पना नहीं है। यह पुरावृत्त अनादिकाल से आजतक प्रवहमान है, गयाधाम की अंत:सलिला की तरह; कभी प्रत्यक्ष और कभी अप्रत्यक्ष ह धारा जीवंत और शाश्वत है। | ||
942 | _cDB |