000 | 00923nam a22001577a 4500 | ||
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999 |
_c347157 _d347157 |
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003 | 0 | ||
005 | 20221014142341.0 | ||
082 | _aH 885.01 JOS | ||
100 | _aJoshi, Vinay | ||
245 | _aLokhit ke mukhya swar | ||
260 |
_aBhopal _bRajbhaban _c2021 |
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300 | _a411 p. | ||
520 | _aअलग अलग मंचों से दिये गये भाषणों में उदाहरणों का सामान्यीकरण श्रीमती पटेल के चिंतन की व्यापकता से तो परिचित कराता ही है, साथ ही यह भी बताता है कि उनमें सबसे जुड़ने का भाव, सबको अपनापन देने का भाव और सबका हो जाने का भाव किस कदर पुष्ट है। | ||
650 | _aSpeech | ||
942 | _cB |