000 | 01661nam a22001697a 4500 | ||
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999 |
_c347013 _d347013 |
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003 | 0 | ||
005 | 20220907144951.0 | ||
020 | _a9789683046932 | ||
082 |
_aH 491.43 _bSIN |
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100 | _aSingh, Vinamersen | ||
245 | _aBhasha vigyan tatha Hindi bhasha | ||
260 |
_aNew Delhi _bShivank Prakashan _c2022. |
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300 | _a272 p. | ||
520 | _aभाषा विज्ञान न केवल भाषाओं के अध्ययन में ही उपयोगी है, अपितु साहित्य के अध्ययन में भी अत्यन्त उपयोगी है। प्राचीन साहित्य भिन्न-भिन्न समय में किन-किन अर्थों में प्रयुक्त होता रहा, उसके उच्चारण में उत्तरोत्तर किस प्रकार से परिवर्तन हुआ और उसका प्रयोग भिन्न-भिन्न परिस्थितियों में किस प्रकार से परिवर्तित होता रहा, इस प्रकार की अनेक समस्याओं का समाधान भाषा विज्ञान के द्वारा हो जाता है। भाषा विज्ञान ही साहित्य के अभिव्यक्ति-सौन्दर्य एवं अभिव्यंजना कौशल को समझने में सहायता पहुंचाता है। | ||
650 | _aHindi language | ||
942 | _cB |