000 04410nam a22001577a 4500
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003 0
005 20220617235230.0
082 _aH 615.88 AGR
100 _aAgrwal, V.C.
245 _aParikshit, anubhooti evam ramban Gharelu nuskhe
260 _aMuzaffarnagar
_bAarogyadham
_c2008.
300 _a172 p.
520 _aभारत में आज भी अधिकांशतः जनसंख्या गाँवों में ही निवास करती है और ग्रामीणजन शीघ्र व त्वरित चिकित्सा की अनुपलब्धता के कारण प्राकृतिक चीजों एवं जड़ी-बूटियों द्वारा ही घरेलू चिकित्सा में विश्वास रखते हैं। आकस्मिक परिस्थितियों में उन्हें इस प्रकार के प्रमाणिक, सरल और अनुभूत घरेलू नुस्खे ही प्राथमिक उपचार हेतु फायदेमंद साबित हुए हैं। अतः यह पुस्तक इसी उद्देश्य से प्रकाशित की गई है कि प्रत्येक जनसामान्य को, विभिन्न रोगों की प्राथमिक चिकित्सा के लिए इधर-उधर भटकना न पड़े, उन्हें अति सुलभता से प्रत्येक जानकारी व चिकित्सा घर पर ही पुस्तक के माध्यम से प्राप्त हो जाएँ। प्रस्तुत पुस्तक में दैनिक उपयोग में काम आने वाली सामान्य वस्तुओं व मसालों के साथ-साथ प्राकृतिक चीजों के रोगनाशक गुणों और विशेषताओं का विवरण दिया गया है। इस पुस्तक में दिए गए उपाय व नुस्खे हर घर में उपयोग में लाए जा सकते हैं। प्रस्तुत पुस्तक में बताए गए नुस्खों पर स्वयं वैद्य शिरोमणि स्व० वी०सी० अग्रवाल जी ने आरोग्यधाम सैन्टर, मुजफ्फरनगर (उ०प्र०), में रिसर्च कर मरीजों को लाभान्वित करते थे। रिसर्च का वह अभियान अभी भी आरोग्यधाम सैन्टर में पूर्ववत् चल रहा है। सदियों पुराने नुस्खे जो श्री वी०सी० अग्रवाल जी को अपने लम्बे अनुभव से अर्जित होते रहे थे उन्हीं को शृंखलाबद्ध कर नई पीढ़ी को सौंपकर इस घरेलू नुस्खों की परम्परा को आगे बढ़ावा दिया है ताकि सभी इन नुस्खों से लाभान्वित हो सकें। प्रत्येक पाठक (बच्चों, किशोर, युवा, प्रौढ़ों व वृद्धों) की मानसिकता, आवश्यकता और बौद्धिक स्तर का विशेष ध्यान रखते हुए यह पुस्तक बहुत सरल, सुलभ, सुगम व जनसाधारण को समझ में आने वाली भाषा में लिखी गई हैं। सभी साध्य-असाध्य रोगों का उपचार घरेलू व आयुर्वेदिक नुस्खों द्वारा इस पुस्तक में किया गया है।
650 _aHome remedies
942 _cDB